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क्या सच में फिजिट स्पिनर तनाव दूर करता है ?


आजकल मार्किट में एक नया गैजेट् छाया हुआ है जिसका क्रेज खासकर आप बच्चो और युवाओ में देख सकते है. कई लोग इसे spinner कहते है तो कई लोग fidget spinner. फिजिट स्पिनर का क्रेज बच्चों और किशोरों के बीच कुछ इस कदर छाया की कई स्चूलो ने  कक्षा में स्पिनरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जबकि कुछ विद्यालयों ने इस खिलौने को सावधानी से इस्तेमाल करने के निर्देश भी जारी कर दिए.  लेकिन Fidget spinner को बेचने वाले दावा करते है की यह सिर्फ एक गैजेट्स या खिलौना नहीं है बल्कि स्ट्रेस और चिंता दूर करने का एक इंस्ट्रूमेंट है. अब बात करते है की आखिर fidget spinner किस बला का नाम है?? कैसे मार्किट में फिजिट स्पिनर की डिमांड बढ़ गई? क्या ये सच में तनाव से निपटने का एक कारागार तरीका है? आज इस आर्टिकल में हम इन्ही बातो का जवाब ढूढने की कोशिश करेंगे. तो आइये जानते है



क्या है फिजिट स्पिनर  ?

फिजिट स्पिनर  एक चकरघिन्नी या एक पंखे जैसे ब्लेड वाला खिलौना है जिसमें धातु या प्लास्टिक से बनाई गई गोलाकार बेरिंग लगी होती है. उसी बेरिंग वाले हिस्से पर एक अंगूठा और उंगली रखकर घुमाया जाता है. ये पीतल, स्टेनलेस स्टील, टाइटेनियम, तांबे, एल्यूमीनियम और प्लास्टिक सहित विभिन्न सामग्रियों से बने होते हैं। फिजिट स्पिनर के अविष्कार का श्रेय केमिकल इंजीनियर कैथरीन हेटिंगर को दिया जाता है जिन्होंने 1993 में इस खिलोने का निर्माण किया.

क्या फिजिट स्पिनर तनाव दूर करता है..


फिजिट स्पिनर की अचानक से लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है इसका स्ट्रेस और चिंता को दूर करना जो की इसको बनाने और बेचने वाली कंपनियों द्वारा  दावा किया जा रहा है .  लेकिन क्या सच में यह तनाव से छुटकारा देता है??  मनोविज्ञानिको  की माने तो अभी तक कोई भी ऐसी पुष्टि नहीं हुई है जो इस बात को प्रमाणिक करती है की स्पिनर के इस्तेमाल से तनाव दूर होता है.  स्ट्रेस इंसान की एक भावनात्मक और शारीरिक प्रतिक्रिया है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसी स्थिति का सामना करता है जिसमे वह कठिनाई महसूस करता हो.
सिर्फ उँगलियों के घुमने से तनाव पूरी तरह दूर नहीं होता. इसके लिए शारीरिक एक्सरसाइज की आवश्यकता होती है. हाँ कुछ देर के लिए समस्या से ध्यान भटक सकता है.  जहाँ तक बात करें इसके अटेंशन बढ़ा देने वाले दावे की तो  एक्सपर्ट्स की माने तो इसके ज्यादा इस्तेमाल से ध्यान केन्द्रित होने की बजाय भटकता है.   कई मनोविज्ञानिको का मानना है की स्पिनर के इस्तेमाल से उन लोगो को फायदा हुआ है जिन्हें स्मार्टफ़ोन चलाने की लत थी.  अब मोबाइल की लत से उनका ध्यान स्पिनर की ओर झुका है.
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